उत्तर प्रदेश : चंद्रमा के सतह पर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक लैंडिंग कर रहा था और देश समेत दुनियाभर में मौजूद भारत के लोग जश्न मना रहे थे। देश के एक राज्य का एक छोटा सा गांव ऐसा था, जहां का नजारा ही अलग था। एक साधारण शख्स और उनकी पत्नी को गांव के लोग फूलमाला पहना रहे थे, उन्हें बधाईयां दे रहे थे। पूरे गांव में देर शाम तक मिठाईयां बांटी गई और जश्न चलता रहा। इस सबका कारण था कि यहां के किसान के बेटे ने भी चंद्रयान की लैंडिंग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के छोटे से गांव के सरकारी स्कूल में इकट्ठा सैकड़ों लोग उस वक्त जश्न मनाने लगे, जब चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरकर इतिहास रच दिया। टीकरी गांव के लोगों के लिए ये एक विशेष अवसर था, क्योंकि उनके किसी अपने ने भारत के चंद्रमा मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टिकरी गांव के किसान के बेटे पेशे से साइंटिस्ट धर्मेंद्र प्रताप यादव भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ काम कर रहे हैं। धर्मेंद्र को चंद्र प्रयास के लिए सिग्नल संचारित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 35 साल के धर्मेंद्र मंगलयान प्रोजेक्ट से जुड़े थे।
