रामलीला आयोजन के लिए दो कमेटी ने किया दावा बन रही है विवाद की स्थिति

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रिपोर्ट – मनोज गुप्ता फूलपुर आजमगढ़ : रामलीला आयोजन को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है जिससे एक नए विवाद का जन्म भी हो रहा है साथ ही इसको आम लोगों की नज़र में किसी भी स्तर से सही नहीं कहा जा सकता। वैसे तो बुराई पर अच्छाई की जीत मर्यादा पुरुष उत्तम श्री रामचंद्र जी के जीवन चरित्र त्याग बलिदान और गलत के खिलाफ सच्चे लोगों की एकता और अखंडता को जीवन चित्रण के लिए ही आयोजित होने वाली रामलीला आयोजन में इस कदर विवादों का समावेश हो गया है कि अब किसी भी वक्त एक बड़ी घटना का रूप भी ले सकता है वैसे अगर देखा जाए तो इसका पूरी तरीके से उत्तरदायित्व पूर्व की कमेटी और वर्तमान की कमेटी दोनों की बनती है लेकिन बिल्ली के गले में घंटी कौन बंधेगा के तर्ज पर अभी तक इस विवाद के हल को कोई आगे नही आ रहा नित नए नए पैंतरे आजमाए जा रहे। साथ ही रामलीला का आयोजन कौन सी कमेटी करेगी इस का दृश्य साफ़ नहीं हो पा रहा और वही इस विवाद को एनर्जी ड्रिंक वह लोग पिलाकर पल्लवित कोशिश कर रहे हैं जिनका राजनीतिक क्षेत्र से संबंध व लाभ हानि का गणित बैठ रहा है जबकि आम लोगों में धर्म प्रेमी बंधुओ में दान कर्ताओं में इन कृतियों का क्या प्रभाव पड़ रहा है इसका किसी भी आयोजन समिति से कोई लेना-देना नहीं है। फिल हाल इस पर नजर स्थानीय पुलिस प्रशासन से लेकर जिले की खुफिया तंत्र बनाए हुए हैं लेकिन रामलीला दशहरा भरत मिलाप के आयोजन को लेकर नित नए-नए घोषणाएं व कमेटियों के उद्गम से अभी तक आम जनमानस में असमंजस की स्थिति बरकरार है वहीं कुछ लोगों का कहना है कि धार्मिक कार्य सभी को मिलजुल कर करना चाहिए किसी भी व्यक्ति संस्था या राजनीतिक व्यक्ति के बहकावे में आकर धार्मिक कार्यों को कलंकित करने का कार्य नहीं होना चाहिए और वही कुछ लोगों ने सीधे तौर पर कहा है कि अगर नगर में रामलीला आयोजन को लेकर कई कमेटियां दावा करती है तो वह किसी भी कमेटी को किसी प्रकार का चंदा या सहयोग नहीं दिया जाएगा जबकि एक बार देखा जाए तो रामलीला आयोजन स्थल मतलब रामलीला मैदान से होने वाले इनकम और उसके आय व्यय को लेकर भी कई बार विवाद की स्थिति बनी है जबकि पूर्व कमेटी का कहना है कि हम समय पर आय व्यय का हिसाब देंगे और वही कुछ नए लोग खुले मंच पर बुलाकर हिसाब मांगते है जबकि उसमें कई स्तर पर भी बैठकों में विवाद की स्थिति बनी रहती है अगर दोनों कमेटियों के पदाधिकारी कार्यकर्ता आमने-सामने होते हैं उसमें भी एक बड़े विवाद की आशंका है। लेकिन जहां पुरानी कमेटी आयोजन रामलीला मंचन समिति जो कि अन्य किसी जिले की होगी उसके द्वारा रामलीला मंचन करने के लिए तैयारी कर चुका है वहीं नई कमेटी स्थानीय कलाकारों के द्वारा रामलीला मंचन करने की बात करता है नई कमेटी स्थानीय काल कलाकारों के अभिनय क्षमता को और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य रामलीला को एक माध्यम बताता है वही पुरानी कमेटी इस मामले में कहती है कि किसी के पास अभिनय कार्य के लिए समय नहीं है। फिलहाल रामलीला मंचन दशहरा मेला और भरत मिलाप तीनों धार्मिक व सामाजिक कार्य के लिए लोगों में उत्साह तो है लेकिन दो रास्ते चुने गए हैं उन रास्तों से विवाद की स्थिति बरकरार।

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