#landon - Phoolpur Express News https://phoolpurexpressnews.in Sat, 21 Sep 2024 08:34:45 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 https://phoolpurexpressnews.in/wp-content/uploads/2023/06/cropped-logo-32x32.png #landon - Phoolpur Express News https://phoolpurexpressnews.in 32 32 टाइटेनिक जहाज के डूबने के 112 साल बाद डूब रही उसे बनाने वाली कंपनी,163 साल पुरानी कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है! https://phoolpurexpressnews.in/archives/9349 https://phoolpurexpressnews.in/archives/9349#respond Sat, 21 Sep 2024 07:57:04 +0000 https://phoolpurexpressnews.in/?p=9349 हैरलैंड एंड वोल्फ और ब्रिटिश शिपिंग कंपनी व्हाइट स्टार लाइन द्वारा टाइटेनिक जहाज बनाया गया था…… फूलपुर एक्सप्रेस  लंदन। (एजेंसी ) विश्व चर्चित टाइटैनिक पानी की जहाज, बनाने वाली 163 साल पुरानी ब्रिटिश कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है। कंपनी का कहना है कि उसके पास अपना कामकाज चलाने के लिए पैसा ... Read more

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हैरलैंड एंड वोल्फ और ब्रिटिश शिपिंग कंपनी व्हाइट स्टार लाइन द्वारा टाइटेनिक जहाज बनाया गया था……

फूलपुर एक्सप्रेस 

लंदन। (एजेंसी ) विश्व चर्चित टाइटैनिक पानी की जहाज, बनाने वाली 163 साल पुरानी ब्रिटिश कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है। कंपनी का कहना है कि उसके पास अपना कामकाज चलाने के लिए पैसा नहीं है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को पहले ही बता दिया है कि वह नॉन-कोर ऑपरेशंस में कटौती करने जा रही है। इस कंपनी ने 1912 में टाइटैनिक जहाज बनाया था जो अपनी पहली ही यात्रा में बर्फ की चट्टान से टकराकर डूब गया था। टाइटेनिक निर्माता कंपनी अब जहाजों की मरम्मत करने और ग्रीनर एनर्जी पर फोकस कर रही है।

मार्च, 2012 को बेलफ़ास्ट, उत्तरी आयरलैंड में टाइटैनिक क्वार्टर में थॉम्पसन ग्रेविंग डॉक पर एक टूर गाइड व आगंतुकों से बात करते हुए….फोटो सोशल मीडिया

घाटे में चल रही इस कंपनी ने कहा कि वह आने वाले दिनों में एडमिनिस्ट्रेशन प्रॉसीडिंग्स शुरू करेगी। यह ऐसी + प्रक्रिया है जिसमें कर्ज चुकाने में नाकाम रहने वाली कंपनी की बेचा नहीं जाता है बल्कि उसका पुनर्गठन किया जाता है। कंपनी ने कहा कि उसने सरकार से 26.4 करोड़ डॉलर मांगे थे लेकिन सरकार उसके अनुरोध को खारिज कर दिया। इससे कंपनी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

कंपनी को कोर ऑपरेशंस में बेलफास्ट शिपयार्ड शामिल है जहां टाइटैनिक जहाज बनाया गया था। कंपनी यूके सरकार को तीन वॉरशिप बनाने में मदद कर रही है। कंपनी का कहना है कि एडमिनिस्ट्रेशन प्रॉसीडिंग्स से इस प्रोजेक्ट पर कोई असर नहीं होगा। कंपनी के अंतरिम एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रसेल डाउंस ने कहा कि ग्रुप बेहद मुश्किल दौर से गुज्जर रहा है। हमें लॉन्ग टर्म लोन नहीं मिल पा रहा है। इसलिए अपने चार यार्ड्स को सुरक्षित रखने के लिए हमें मुश्किल फैसले लेने पड़े हैं। यह पहला मौका नहीं है जब बैंकरप्सी के करीब पहुंची है। 2019 में ब्रिटिश सरकार ने कंपनी को रिस्ट्रक्कर करने के लिए एक एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया था लेकिन कुझ ही महीने बाद एनर्जी कंपनी ने इसे खरीद लिया था। पिछले साल कंपनी ने दो दशक में अपना पहला जहाज डिलीवर किया था, इसके बाद मात्र जहाज के मेंटेनेंस पर फोकस अपनी आर्थिक जरूरत को पूरा कर रही कंपनी अब अपने आप को दिवालिया घोषित करने में लग गई है।

टाइटैनिक का संछिप्त इतिहास

मालूम हो कि टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प इंजन (भाप ) आधारित यात्री जहाज था। वह साउथम्पटन (इंग्लैंड) से अपनी प्रथम यात्रा पर, 10 अप्रैल 1912 को रवाना हुआ। चार दिन की यात्रा के बाद, 14 अप्रैल 1912 को वह एक हिमशिला से टकरा कर डूब गया जिसमें 1,517 लोगों की मृत्यु हुई जो इतिहास की सबसे बड़ी शांतिकाल समुद्री आपदाओं में से एक है। टाइटेनिक 2,223 यात्रिओ के साथ न्यूयॉर्क शहर के लिए रवाना हुआ था। यह तथ्य है कि जब जहाज डूबा उस वक्त, जहाज पर उस समय के सभी नियमों का पालन करने के बावजूद केवल 1,178 लोगों के लिए जीवनरक्षक नौका थी। पुरुषो के मृत्यु की असंगत संख्या का मुख्य कारण महिलाओं और बच्चों को पहले प्रधानता देना था।

टाइटैनिक के डूबने का मुख्य कारण अत्यधिक गति से चलना था। (टाइटैनिक) के मालिक( J. Bruce Ismay) जे .ब्रूस इस्मे ने जहाज के कप्तान Edward Smith को जहाज को अत्यधिक गति से चलाने के लिए कहा था, क्योंकि जहाज की क्षमता और उसकी गति को सबसे उम्दा घोषित करने की उनके ऊपर सनक सी सवार थी। 12 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक को 6 बर्फ की चट्टानों की चेतावनिया मिली थी। लेकिन अपने फुल कॉन्फिडेंस में कप्तान को लगा की बर्फ की चट्टान Ice Berg आने पर जहाज मुड जाएगा। परन्तु बद्किस्मती से जहाज बहुत बड़ा था और राडार छोटा था। बर्फ की चट्टान आने पर वह अधिक गति के कारण समय पर नहीं मुड पाया और चट्टान (एक अनुमान के मुताबिक यह चट्टान करीब 10,000 साल पहले ग्रीनलैंड से अलग हुई थी) से जा टकराया। जिससे जहाज के आगे के हिस्से में छेद हो गए और लगभग 11:40 p.m. पर वो डूबने लगा। तक़रीबन 2:20 a.m. पर वो पूरा समुन्द्र में समां गया। जिस सागर में वह डूबा था उसके जल का तापमान -2℃ था जिसमें किसी साधारण इंसान को 20 मिनट से ज़्यादा जिन्दा रहना नामुमकिन था।इसके ऊपर एक फिल्म भी बनाई गई है, जो पूरे विश्व में चर्चित रही और कई भाषाओं में प्रदर्शित कर देखी गई आज भी टाइटेनिक फिल्म के कुछ दृश्य टाइटेनिक जहाज के सिंबल के तौर पर देखे जाते हैं।

 

 

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